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Showing posts from October, 2019

दो शेर

मासूमियत होती है मक्कारी नही होती पुराने चेहरो पर अदाकारी नही होती। सबको एक सा समझने वाले मासूमो में किसी कि भी खातिर तरफ़दारी नही होती।

दो शेर

आसानियां बेस्वाद हुआ करती है मुश्किलो में ज़ायका हुआ करता है। परिंदा जब भी कैद मे आ जाता है तब वो निकलने की दुआ करता है।          ©डॉ दिलीप बच्चानी।