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Showing posts from January, 2022
जब तक जियूं तेरा रहूँ  ऐ वतन,दे दुआ।  पलके मेरी गीली हुई जब जब तेरी माटी छुआ।  तेरी हस्ती से मेरी हस्ती है ये गुलशन ये बस्ती है।  ऐ वतन.... मेरे वतन...

म्यूजिकल परिंदे।

पँछी की आवाज में होता ...म्यूजिक नदियों की कलकल में होता... म्यूजिक प्रकृति के कण कण में होता...म्यूजिक अपने दिल की धड़कन में होता...म्यूजिक म्यूजिक हममे रहता,हम म्यूजिक में रहते तभी तो सारे कहते है हम म्यूजिक के बंदे हम है म्यूजिकल परिंदे हम है म्यूजिकल परिंदे।  झरने की आवाज में बहता....म्यूजिक बंद पड़े हर साज में रहता.....म्यूजिक मंद मंद पवन में बहता.....म्यूजिक कोयल की कूक में रहता....म्यूजिक म्यूजिक सुनकर सोते हम म्यूजिक से ही जागे तभी तो सारे कहते है हम म्यूजिक के बंदे।  हम है म्यूजिकल परिंदे हम है म्यूजिकल परिंदे। 
मेरे बुलाने पे चले आओ ये तो रवायत है तुम कभी यूं ही चले आओ तो कोई बात है।  चलो मान लेता हूँ तुम्हारी हर बात मगर तुम भी समझो मेरे भी कुछ जज्बात है।  हर दौर की कहानी अलग किस्सा अलग हर एक  दौर के कुछ अलग ही हालात है।  आज हर शख्स के निशाने पर सिर्फ मै हूं कितने मिलते जुलते सभी के ख्यालात है। 

शेर

शिकवा भी करिए शिकायत भी करिए मगर जिंदगी से मोहब्बत भी करिए। ख़लिश देने वालों की कमी नही जहाँ में मगर कुछ गुलो की सोहबत भी करिए। 

शेर

कस्मे खा करके मुकरने वाले तेरा दिल मुझसे भर गया है क्या।  डॉ दिलीप बच्चानी।