एक कहानी (कविता) आपकी,मेरी हमसब की कहानी शुरू होती है, बचपने में दादा दादी की मासूमियत भरी कहानियों के साथ। फिर स्कूल कॉलेज में दोस्तो,यारो,अध्यापकों की अनगिनत कहानियां जुड़ती चली जाती है। किशोरवय से होते हुए जवानी तक। और हर जवानी की एक कहानी तो होती ही है। कहानी के मध्यांतर में हमारे द्वारा किया गया संघर्ष ही हमे पहुचाता है सफलता या विफलता की पायदान पर। जीवन के सभी पायदानों की कहानियों को पार करते हुए कहानी पहुँचती है पटाक्षेप की ओर। जहाँ हम पाते पोतियों को कहानियां सुनाते हुए बन जाते है। एक कहानी। शायद हम जन्म ही लेते है एक कहानी बनने के लिए।