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Showing posts from May, 2018

कूलर की हवा

आदित्य के बार बार मना करने पर भी साजिद आकर कमरे के कोने में बैठ जाता। उसकी माँ बाहर बरामदे में पोछा लगा रही थी। तभी फोन बजा। क्या आदित्य कॉफ़ी डे आ रहा है क्या नेहा भी साथ  है। ...

नरक से बाहर लघुकथा

नरक से बाहर  ( लघुकथा ) बेटे की रोज रोज की पैसे की डिमांड पूरी कर कर के वीरेंद्रनाथ परेशान हो चुका था,और फिर आज उसका रिजल्ट देखकर तो दिमाग ही खराब हो गया। देहली से सीधा पूना पहुँ...