पहेली(कविता) April 10, 2021 बचपन से जूझते आये है हमइन पहेलियों के साथकुछ हल हो जाती है खेल खेल मेंझट से। कुछ हल होती है किसी और कि सहायता के साथ। कुछ बनी होती है शायद कभी हल न होने के लिए। कभी कभी तो लगता हैंपहेली शब्द पर्यायवाची हैजीवन का। Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Share Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
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