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पहेली(कविता)

बचपन से जूझते आये है हम
इन पहेलियों के साथ
कुछ हल हो जाती है खेल खेल में
झट से। 
कुछ हल होती है किसी और कि सहायता के साथ। 
कुछ बनी होती है शायद कभी हल न होने के लिए। 
कभी कभी तो लगता हैं
पहेली शब्द पर्यायवाची है
जीवन का। 

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