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Showing posts from February, 2022

गजल

वो स्लेट पे लिखना मिटाना याद आ गया तस्वीर देखके गुजरा जमाना याद आ गया।  माँ से छुपके चुपके से खा भी लेते थे इसे जुबाँ पर स्वाद वो ही पुराना याद आ गया।  जमीन पर बनाकर लकीरे कई खेल खेले हारने औ जितने का फसाना याद आ गया।  अब कहा है लिखावट का वो हुनर पहले सा छड़ी की मार का किस्सा पुराना याद आ गया।  स्लेट पर लिखकर एक दूजे से बात करते थे बचपने का वो सुहाना याराना याद आ गया।  डॉ दिलीप बच्चानी  पाली मारवाड़, राजस्थान।
बाग-बगीचे, डगर चौराहे, सबको स्वच्छ बनाएँगे बढ़ूे बच्चे और नर नारी मिलकर हम सब गाएँगे जोधपुर को सवचछ बनाएंगे। x 2 सूर्यनगरी की बात निराली, जग को यह बतलाएँगे नगर निगम संग मिलकर हम, बलूिसटी  चमकाएँगे।  जोधपुर को स्वच्छ बनाएँगेx 2 कूड़ा करकट गंदा कचरा बिल्कुल ना फैलाएँगे अपने शहर को घर की भाती सुंदर स्वच्छ बनायगे।  े जोधपुर को स्वच्छ बनाएंगे। ×2 कलीन जोधपुर गीन जोधपुर मंत्र सभी अपनाएँगे स्वच्छ भारत मिशन में हम नम्बर वन कहलायेंगे।  जोधपुर को सवचछ बनायेगेx 2
बाग बगीचे डगर चौराहे सब को स्वच्छ बनाएंगे मिल कर सब नर नारी जोधपुर स्वच्छ बनाएंगे सूर्यनगरी की बात निराली जग को यह बतलाएंगे।  नगर निगम संग मिलकर हम ब्लू सिटी चमकाएंगे।  कूड़ा करकट गंदा कचरा बिल्कुल भी न फैलाएंगे।  अपने शहर को घर की भांति सुंदर स्वच्छ सजायेंगे।  क्लीन जोधपुर ग्रीन जोधपुर का मंत्र सभी को समझाएंगे। 
देश मेरा ओ  देश मेरा स्वच्छ हो रहा देश मेरा शहर भी स्वच्छ बनाएंगे मिल जुल सब नर नारी जोधपुर स्वच्छ बनाएगे।  सूर्यनगरी का मान जगत में हम फिर से बढ़ाएंगे।  जोधपुर स्वच्छ बनाएंगे हम जोधपुर स्वच्छ बनाएंगे।