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गजल

जो थकता है थककर के चूर होता है
अपने कमाए हर निवाले पर उसे गुरुर होता है

जी तोड़ मेहनत कर जो अपना पेट भरता है
उसकी आँखों में जा कर देखना नूर होता है

क्या नशा देंगे प्याले मयकशी या जाम
मेहनतकशों की हर नस में सुरूर होता है

ना हटता ना ढिगता अटल फौलाद सा है वो
हाँ मै शान से कहता हूँ वो मगरूर होता है

ये चकाचोंध ये दिखावा ये बनावट का भरम
वो खुदा का नेक बंदा है वो इनसे दूर होता है

कंगूरे भले चमकते हो इमारत भले बुलन्द दिखे
चमकती इमारतो की नींव एक मजदूर होता है
                    
                       दिलीप बच्चानी
                       पाली मारवाड़ राजस्थान

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युद्ध का बदलता स्वरूप।

लेबनान में हिजबुल्लाह आतंकियों पर हुए पेजर अटैक ने मध्यपूर्व एशिया में चल रहे युद्ध का परिदृश्य ही बदल कर रख दिया है। हिजबुल्लाह के चीफ ने अपने आतंकियों को मोबाईल न उपयोग करने की सलाह दी थी, क्योकि उसे लगता था कि मोबाईल को ट्रेस किया जा सकता है।  इसलिए वो लोग पेज़र का इस्तेमाल करते थे, अब वो ही पेज़र बम की तरफ फट कर उनका ही विनाशक बन गया।  दुनिया मे जितने भी युद्ध हुए है पलड़ा उसी का भारी पड़ता है जो परंपरागत युद्ध शैली से हटकर युद्ध करता है।  उदाहरण के रूप में महाभारत के युद्ध को ही देख ले,महाभारत युद्ध में 14वे दिन कौरव घटोत्कच की युद्ध शैली देखकर हतप्रद रह गए। अपनी सेना के पैर उखड़ते देख दुर्योधन ने कर्ण से देवेंद्र द्वारा दी हुई अचूक शक्ति घटोत्कच पर चलवा दी और कुरुक्षेत्र का युद्ध अपने अंत की ओर बढ़ चला। इसी प्रकार लंबे अरसे तक चले द्वितीय विश्वयुद्ध में अमेरिका द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु हमले ने दूसरे सभी देशों को घुटनों पर ला दिया और एक नई वैश्विक व्यवस्था का निर्माण हुआ।  अभी वर्तमान में चल रहे रूस यूक्रेन युद्ध को ही देख लीजिए,रूस के शक्तिशाली टैंक ...

गजल

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दो शेर

गुमसुम रहो उदास रहो लोग खुश हारे रहो परास्त रहो लोग खुश। वो तुम्हें अपने जैसा देखना चाहते उनकी तरह विषाक्त रहो लोग खुश।