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Showing posts from April, 2018

जीवन की शिक्षा कविता

जीवन की शिक्षा (  कविता  ) रास्ते मे पड़ने वाला मेरा विद्यालय पूछता है मुझसे कई सवाल ? एक दिन उसने मुझसे कहा क्यो उलझा रहता है तू आर्थिक संकट में, जबकि मैंने तुझे सिखाया था मितव...

घरौदे की ओर लघुकथा

घरौंदे की ओर ( लघुकथा ) वेटर दो कॉफी लाना। हांविवेक अब बोल क्या बात है? सुबह से इतना परेशान सा क्यो है। क्या बताऊँ यार कल रात ढंग से सो भी नही सका और.....? कही स्वाती भाभी से कोई झगड़ा? ...

मनोरंजन की दुकान

मनोरंजन की दुकान  ( लघुकथा  ) जज रामस्वरूप सारस्वत की अदालत आज खचाखच भरी हुई थी। शहर में हुए चर्चित हाईप्रोफाइल गैंगरेप की सुनवाई जारी थी। माननीय न्यायाधीश महोदय तीनो अभ्...

भारत बंद लघुकथा

भारत बंद (लघुकथा ) कालू,पप्पू,टोनी,टिल्लू सब बब्बन के अड्डे पर जमा थे। सलाम बब्बन भाई बब्बन के आते ही सब एक स्वर में बोले। बैठो सब लोग ,देखो पिछला वाला बंद बहुत बढ़िया हुआ अभी तक ...

मुक्तक

तू जो थाम ले जो हाथ तो ये रूह भी सँवर जाए जो एक पल का साथ दे मेरी जिंदगी सुधर जाए

लघुकथा

दृष्टि (लघुकथा ) पवित्र नदी के तट पर बने मोक्ष घाट पर माँ की अस्थियों के विसर्जन की पूजा करवा रहा था संतोष | उसके कुल पुरोहित विधि सम्मत पूजा करवा रहे थे | संतोष का ध्यान पूजा मे...