बस यूँही
निकालो कानो से इयरफोन नदी का संगीत सुनो
जो पहुचा सके तुंम्हे सुकूँ तक ऐसी रहा चुनो
समय ही पूंजी हैं मत व्यर्थ गवाओ इसे
समय मिले तो घर के बुजुर्गों की बात सुनो
दुनिया क्या कहती हैं क्या नही ये मत सुनो
कुछ पल मौन बैठो अपने दिल की बात सुनो
बड़े मशहूर हो फेसबुक और ट्विटर पर यारो
कभी पापा के पास बैठो उनके जज्बात सुनो
चलो छोडो मत मनो मेरी न मेरी बात सुनो
आहट को पहचानो आने वाले कल की बात सुनो
डॉ दिलीप बच्चानी
पाली राजस्थान
Comments
Post a Comment