जिप मनुष्य का बनाया हुआ
बहुत बड़ा अविष्कार है।
काश!
एक जिप मानव शरीर में भी होती
मैं रोक पाता मस्तिष्क में बहते
अनगिनत विचारों को।
या फिर
रोक लेता ह्रदय में उठती पीड़ा की
लहरों को।
इसी जिप से मैं रोकता
अनगिनत वेदनाओं को
जो मजबूर करती हैं मुझे
द्रवित होने को।
है! ईश्वर काश मैं लगा सकता
ये जिप उन लोगो के शरीर पर
जो करते है
मासूम बच्चियों का बलात्कार।
Comments
Post a Comment