मुक्तक November 30, 2017 आटे का डब्बा तेल की बोतल औऱ मसलेदानी ने आज पशेमाँ कर दिया मुझको घर की परेशानी ने Read more
मुक्तक November 30, 2017 हर उखड़ती उम्मीद आखिरी कगार पर थी पूरे घर की नजर पहली तारीख की पगार पर थी Read more
मुक्तक November 30, 2017 मौत नींद की आगोश में सुला देती है जिंदगी अलार्म बजाती है जगा देती है Read more
मुक्तक November 18, 2017 जो सूरज की मानिंद जलना सीख जाएगा वो हर अंधेरे से निकलना सीख जाएगा डॉ दिलीप बच्चानी पाली मारवाड़ राजस्थान Read more