कुछ पन्ने जिंदगी के फाड़ दिए जाएं तो बेहतर है। हर पन्ने से गुलाब की खुशबू नही आती। नजर बार बार उधर ही जाती है लिखी है जिन पन्नो में अठखेलियाँ तेरी। जिन्हें पढ़कर हरबार आँखे नम हो हो जाती है न चाहते हुए भी, पढ़ता हूँ बार बार। कामयाबियां,नाकामियां शिकायतें,शरारते जाने क्या क्या है छुपा इन पन्नो में। इन पुराने पन्नो को छूना डायरी को सीने पर रख सो जाना, भुला देता है सब तकलीफों को।