Skip to main content

Posts

Showing posts from September, 2018

हिंदी कविता

वार्तालाप का माध्यम नही है हिंदुस्तान की जान है हिंदी। चहुँओर फैली सुगंध इसकी माँ भारती का मान है हिंदी। परदेस में भी पांव पसार रही मेरा तो अभिमान है हिंदी। देश को एक सूत्...

गजल

कंटीले पौधे खारा पानी बेस्वाद जिंदगी बेकार जवानी चलती साँसे घड़ी की सुइयां रुकता दरिया गंदला पानी उनकी यादे झूठे सपने उनिंदि आँखे सिर्फ पशेमानी उखड़ी साँसे झुकते कंधे ...