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Showing posts from January, 2025

अगर और तारीख।

अगर इस तारीख तक ये नही हुआ तो? अगर इस तारीख तक टार्गेट पूरा नहीं हुआ तो? अगर इस तारीख तक ई एम आई नहीं भरी तो? अगर इस तारीख तक स्कूल फीस नहीं भरी तो? अगर इस तारीख तक  व्यापारी को पेमेंट नही भेजी तो? अगर इस तारीख ..... और आखिर हम पहुच जाते है उस तारीख तक, जिसके बाद कोई तारीख नही आती। 

सड़क पर सफर।

कोई चलता है मंथर गति से, तो कोई रौंद डालना चाहता है इसे रफ्तार से।  यहाँ सभी की अलग गति तो है, चलने का अंदाज भी अलग है।  हर मस्तिष्क यहाँ सजग भी है और बेफिक्र भी।  चलते चलते आ जाता है कोई गड्डा,तो निकल जाती है गाली भी।  ट्रैफिक सिग्नल को जल्द पार करने की व्यग्रता,और मंजिल पर पहुँचने का उतावलापन।  कभी भीड़ से भरी होती है, तो कभी सुनसान भी।  देखा जाए तो  बिल्कुल मिलताजुलता है सड़क का सफर जिंदगी के सफर से।