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Showing posts from June, 2021
बेची है दवा हमने कुछ इस तरह देदे कोई फकीर दुआ जिस तरह।  हमने देखा क्या हुआ किस तरह फेफड़ो की बेची हवा किस तरह।  आंसुओ की तड़प जाया नही होती देखना लौटेगी बद्दुआ किस तरह।  हैरान हूँ! अजब माजरा देख कर बदल देते हैं ये मुद्दा किस तरह।  इस दौर की नजाकत को समझो तुम नही हो हमसे जुदा किस तरह
कोई तो तरकीब निकाली जाए जिंदगी मौत से बचा ली जाए।  पानी के दो घुट तक  न दे सके इस कत्ल की किसे सजा दी जाए।  हुक्मरान तो मुआवजा दे देंगे पर कैसे यह तड़प मिटा दी जाए।  राजस्थान शर्म से पानी पानी हुआ क्यो न बेशर्म सरकार हटा दी जाए।