बेची है दवा हमने कुछ इस तरह देदे कोई फकीर दुआ जिस तरह। हमने देखा क्या हुआ किस तरह फेफड़ो की बेची हवा किस तरह। आंसुओ की तड़प जाया नही होती देखना लौटेगी बद्दुआ किस तरह। हैरान हूँ! अजब माजरा देख कर बदल देते हैं ये मुद्दा किस तरह। इस दौर की नजाकत को समझो तुम नही हो हमसे जुदा किस तरह