फरेब (लघुकथा) पुनीत ऑफिस के काम में व्यस्त था तभी राजेंद्र अंदर आया कुछ फाइलों पर डिस्कशन करने के बाद अपने चेम्बर में चला गया राजेंद्र उसका कलीग ही नही मित्र भी था पुनीत फिर ...
भूर्णवस्था राम राम। राम राम बाल्यावस्था जे जे राम जे जे राम युवावस्था जय श्री राम जय जय श्री राम प्रौढ़ावस्था राम सिया राम सिया राम जय जय राम। वर्धवस्था हे राम है राम अं...
दांव पर द्रोपदी (लघुकथा) बिना किसी पर्वसूचना के सुरभि का यूँ अचानक मायके आ जाना प्रोफेसर गुप्ता और उनकी पत्नी दोनों को ही अजीब लग रहा था। राकेश(सुरभि के पति) से भी सम्पर्क कर...