डामर की तपती सड़क सब लोग परेशान घर चलाना आजकल रहा कहा आसान। दिन भर की मजदूरी साहूकार ने ऐसै दी कर रहा हो जैसे बहुत बड़ा अहसान। फ़टी चप्पल के कारण पैर में छाला पड़ गया कुल्फी वाले के अटके बदलो में प्राण। लू की चपेट में आकर कलुआ जब मर गया मंगलू धीरे से बोला किस को मिली दुकान। सूरज कुछ मध्यम हो जा मेरी ये विनती है क्यो तू लेने पे तुला हम गरीबो की जान।