Skip to main content

Posts

Showing posts from July, 2019

गजल

कोई न समझा कोई न जाना उलझा - उलझा ताना - बाना। कौन रहा है और कौन रहेगा चलता रहता आना - जाना। ये मेरा है और वो है उसका खेल - तमाशा खोना - पाना। तेरा - मेरा साथ तभी तक जब तक अपना आबो - दाना। ...

कुछ सबक

कुछ सबक... गाड़ी पर न मोबाइल का प्रयोग कीजिये जीवन अनमोल है सद्पयोग कीजिये। हैंडल छोड़कर स्टंट दिखाना महंगा पड़ेगा गर गिर गया तो फिर बैसाखियों पर चलेगा। सेल्फी खिचना आपको भटक...

एड्स

बदनाम गलियां इत्र की खुशबू पान की महक शराब की गंध डगमगाते कदम तंबाकू की बदबू रंगी पुती जर्जर इमारते बेशर्म इशारे पेट की मजबूरी कोई हवस का भूखा! नशे में धुत्त नादान कदम अं...