जंजीरे वो नही है
जो बंधती है आपके हाथ पांव
और सीमित कर देती है आपको
एक कोने में।
कुछ अदृश्य जंजीरे हम सभी को
बांधे हुए है जो दिखती नही है,
पर उनकी पकड़
बहुत मजबूत है।
वे जंजीरे है
विचारों की जंजीरे।
जो रोकती है आपको
किसी दूसरे विचार को
सुनने,सोचने और समझने से।
धर्म की जंजीरे
जात पात की जंजीरे
समाज की जंजीरे
परिवेश की जंजीरे
प्रांत की जंजीरे
भाषा की जंजीरे
शिक्षा की जंजीरे।
और सबसे बड़ी जंजीर है
इन सांसो की जंजीर जिसने
हमे बांध रखा है इस नश्वर
शरीर से।
जिस दिन टूट जाएगी ये
जंजीर
हम आजाद होंगे
अंनत व्योम की यात्रा के लिए।
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