नरसंहार ( लघुकथा)
पापा पापा मेरी गुड़िया जल रही है....
रहने दे बेटी नयी ले आएंगे
पुरे मोहल्ले में आग लगने के बाद
अरविन्द क़ौल उसका परिवार और पूरा कुनबा बड़ी मुश्किल से जान बचाकर भागे
आतंकवादियों की धमकी थी की आज कश्मीर नही छोड़ा तो खात्मा
रात के वक्त भागते भागते पास के गांव पहुचे
अर्विब्द क़ौल के ताऊ के दोस्त मौसुल गिलानी मौलवी साहब का दरवाजा खटखटाया
सब सुनने के बाद उन्होंने मस्जिद में रूकने की सलाह दी
आधी रात को किसी ने गिलानी साहब का दरवाजा खटखटाया
वो सारे क़ाफ़िर मस्जिद में छुपे है और हाँ ये लो पीछे के दरवाजे की चाबी
फतह करो
और
दूसरे दिन के अख़बार की सुर्खियां
पच्चीस कश्मीर पंडित हिंसा का शिकार हुए
डॉ दिलीप बच्चानी
पाली मारवाड़
राजस्थान
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