सीधी सादी सरल सयानी है ये कितनी भोली
जय जय हिंदुस्तानी बोली।
प्रांत प्रांत में वेश बदलती मानो रंगों की होली
जय जय हिंदुस्तानी बोली।
सब भाषाओं को अपनाती भरती अपनी झोली
जय जय हिंदुस्तानी बोली।
भिन्न भिन्न शब्दो रंगों से मिल बनती इसकी टोली
जय जय हिंदुस्तानी बोली।
उनकी भाषा मस्तक वाली अपनी मन की बोली
जय जय हिंदुस्तानी बोली।
भारत माँ के भाल पर सजती ज्यूँ तिलक की रोली
जय जय हिंदुस्तानी बोली।
Comments
Post a Comment