आपकी खेची हुई कोई भी सेल्फी या फोटो तब तक सुंदर नही दिख सकती, जब तक आपके दाँत साफ सुथरे और सुंदर न दिखते हो।
कठोर से कठोर और मुलायम खाद्य पदार्थों का रसास्वादन आप तभी कर सकते है जब आपके दांत उन्हें सही तरह से चबा पाने में सक्षम हो।
I 2/2,C 1/1,P 2/2,M 3/3
अब आप कहेंगे ये कौन सा वैज्ञानिक फार्मूला है।
जी हाँ! ये है आप के दांतों का दंत विन्यास।
(I) मतलब inssisor सबसे आगे वाले दांत है जो आप सेल्फी में दिखाते है। इन्हें हिंदी में छेदक या कृतक भी कहा जाता है।
(C) मतलब cannine इंसाइजर के बाद वाले दाँत है जिन्हें हिंदी में भेदक या रदनक भी कहा जाता है।
(P) मतलब premollar केनाइन के बाद वाले दाँत है जिन्हें हिंदी में अग्रचवर्णक भी कहा जाता है।
(M) मतलब Mollar सबसे आखिरी के और सबसे मजबूत दाँत होते है जिन्हें हिंदी में चवर्णक
भी कहा जाता है।
अगली बार जब भी आप अमरूद या एप्पल खाये तो याद रखिए कि उन्हें कुतरने के लिए आप इंसाइजर दांतो का प्रयोग कर रहे हैं।
और अखरोट या बादाम तोड़ते समय और कुछ शौकीन लोग जो बियर की बोतल दांतो से खोलते हैं उस समय आप अपने सबसे मजबूत मोलार दाँतो का प्रयोग कर रहे होते है।
आपने कई लोगों को कहते सुना होगा कि अभी तेरे दूध के दाँत भी नही टूटे।
दूध के दाँत यानी बच्चों के दाँतो की संख्या 32 न होकर बीस होती है क्योंकि बच्चों में premollar
दाँत नही पाए जाते।
एक बात मांसाहारियों और शाकाहारियों में विभेद करती है और वो है मांसाहारी जानवरो के आगे वाले इंसाइसर दाँत जो की नुकीले होते है जो उन्हें माँस को चीरने फाड़ने में मदद करते है,जबकि शाकाहारियों में ये दाँत नुकीले नही होते।
केवल मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जिसने प्रकृति के इस नियम को तोड़ा है मनुष्यों के दाँत शाकाहारियों के तरह होते हुए भी कुछ लोग मांसाहार का प्रयोग करते हैं।
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